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होटलों में तेजी से फल-फूल रहा देह व्यापार

Written By Shailendra on Wednesday, May 1, 2013 | 1:21 AM

रेवाड़ी (संवाददाता):
    पुलिस प्रशासन की कथित मिलीभगत के चलते शहर के होटलों में देह व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। मगर सब कुछ जानते हुए भी पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी इस मामले में मौन साधे हुए हैं। यहां स्थिति यह है कि शहर के प्रमुख रेलवे रोड, बस स्टैंड, बावल रोड, ब्रास मार्कीट, नाईवाली चौक, बाइपास सहित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 स्थित विभिन्न होटलों में देह व्यापार का खेल जमकर खेला जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि शहर के होटलों में पिछले काफी समय से अंतर्राज्जीय गिरोह सक्रिय है, जोकि बाहर के राज्यों से युवतियां लाकर यहां होटलों में उन्हें जिस्म फरोसी के लिए परोसते हैं और उनके बदले में होटल व्यवसायियों से मोटी कीमत वसूलते हैं। वहीं होटल व्यवसायी इन युवतियों को ग्राहकों के आगे पेश करके मनमानी राशि वसूलते हैं। बताया जाता है कि यहां अलग-अलग राज्यों की युवतियों के अलग-अलग रेट निर्धारित किए हुए हैं और मात्र एक फोन करते ही पांच मिनट में युवतियां उपलब्ध करवा दी जाती हैं। इसके साथ ही उम्र के हिसाब से भी रेट वसूला जाता है।
कहां से आती हैं युवतियां:
इस समय शहर के होटलों में दिल्ली, गुडग़ांव, पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों से युवतियां मंगवाई जा रही है। इन युवतियों को दलाल एक माह के लिए लेकर आते हैं। इसके बदले वे पीछे एकमुश्त राशि देकर आते हैं और यहां लाकर ग्राहकों से मुंह मांगी रकम वसूलते हैं। जो राशि वे पीछे देकर आते हैं, उससे तीन-चार गुणा राशि ये दलाल इन युवतियों से जिस्म फरोसी का धंधा करवाकर वसूलते हैं।
उम्र के हिसाब से फिक्स हैं रेट:
होटल संचालकों ने जिस्म फरोसी के अलग-अलग रेट निर्धारित किए हुए हैं। एक पूरी रात के लिए जहां एक ग्राहक से 5 से 7 हजार रूपए लिए जाते है, वहीं एक घंटे के लिए 2 से 3 हजार रूपए निर्धारित हैं। इसके साथ ही अलग-अलग राज्यों की युवतियों व महिलाओं के उम्र के हिसाब से रेट फिक्स किए हुए हैं।
मसाज के नाम पर भी चलता है खेल:
शहर के हूडा सैक्टरों में स्थित घरों व दुकानों में कुछ महिलाओं ने कथित मसाज पार्लर खोले हुए हैं। सैक्टर 3 व 4 के अलावा उत्तम नगर जैसी पॉश कॉलोनियों में जहां कोई सहज अंदाजा नहीं लगा सकता, वहां इन मसाज पार्लरों की आड़ में भी जमकर जिस्म फरोसी को अंजाम दिया जा रहा है। इन मसाज पार्लरों में महिलाओं का तो दूर-दूर तक नामों निशान तक नहीं होता। बल्कि यहां जमकर देह व्यापार का खेल खेला जाता है।
एजेंट की भूमिका निभाते हैं होटल व्यवसायी:
शहर के होटल व्यवसायियों का इन दलालों से सीधा संपर्क है। जब भी ग्राहक की डिमांड होती है तो ये होटल व्यवसायी दलालों से संपर्क कर उन्हें युवतियां भेजने का आर्डर करते हैं और आर्डर मिलते ही दलाल निर्धारित समय में युवतियां पहुंचा देते हैं और जो पेमेंट दलाल को मिलती है, उसमें से होटल संचालक का भी हिस्सा तय होता है।
कमरे का दोगुणा किराया वसूलते हैं:
होटल संचालक एेसे ग्राहकों से कमरे के निर्धारित रेट से दोगुणा किराया वसूलते हैं, जिसके बदले में वे ग्राहकों को पुलिस रेड की भी पूरी गारंटी देते हैं। ऐसे ग्राहक होटल में कुछ देर के लिए ठहरते हैं, जिससे होटल संचालकों पर आम के आम और गुठलियों के दाम वाली कहावत चरितार्थ होती है।
कौन होते हैं ग्राहक:
शहर के बडे़-बड़े उद्योगपति व सफेदपोश नेता होटल संचालकों को मुंह मांगी रकम देकर अपनी रातें रंगीन करते हैं। हां ये जरूर है कि ज्यादा बडे़ लोग होटलों में रात न बिताकर इन युवतियों को अपने निजी ठिकानों पर ले जाते हैं। ऐसे कई प्रभावशाली लोगों के मामले पहले भी अनेक बार प्रकाश में आ चुके हैं, लेकिन राजनीतिक प्रभाव दिखाकर एेसे लोग हर बार पुलिस के चंगुल से निकल जाते हैं।
कैसे देते हैं धंधे का अंजाम:
दलाल पीछे एकमुश्त राशि देने के बाद दर्जनों युवतियों को एक गाड़ी में बैठाकर देर रात शहर में लेकर आते हैं। यहां उन्हें किसी घर में ठहरा दिया जाता है। जैसे-जैसे डिमांड आती है। युवतियों को एक युवक बाइक पर बैठाकर पूरी सावधानी के साथ होटल पर छोड़ देता है और होटल संचालक से राशि ले जाता है। आगे की जिम्मेदारी होटल संचालक की होती है। सुबह होते ही युवती को वहीं युवक बाइक पर वापस ले जाता है। ऐसे में दलाल पुलिस की पकड़ से छूट जाता है।
पुलिस की बंधानी फिक्स है
सूत्रों का कहना है कि एेसे होटल संचालक पुलिस से गहरी सांठगांठ करके इस धंधे को अंजाम देते हैं। इसकी एवज में पुलिस को हर माह उनका नजराना पहुंचा दिया जाता है। इसके बाद पुलिस कर्मी इन होटल संचालकों की ओर आंख उठाने तक की जहमत नहीं उठाते और होटल संचालक भी बेखौफ होकर अपना खेल खेलते हैं।
नियमों को रखते हैं ताक पर
होटल संचालक सरकार के सभी नियम ताक पर रखकर चलते हैं। इन होटलों में स्कूली छात्राओं तक के प्रवेश पर कोई मनाही नहीं है। वहीं ऐसे ग्राहकों की एंट्री तक नहीं की जाती। यहां सब कुछ खुल्लम खुल्ला चलता है।
कभी-कभार होती है कार्रवाई
जब से महिला सैल का गठन हुआ है तो महिला एएसआई सुनीता के नेतृत्व में शहर के अधिकांश होटलों पर छापामार कार्रवाई की, जिससे होटल संचालकों के होश उड़ गए। मगर कुछ दिनों बाद ही यह कार्रवाई ठंडी पड़ गई। इससे समझा जा सकता है कि पुलिस व होटल संचालकों में कितनी गहरी सैठ पैठ है।
क्या कहती हैं टॉस्क फोर्स इंचार्ज
जब इस संबंध में टॉस्क फोर्स इंचार्ज एएसआई सुनीता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में नए पुलिस अधीक्षक ने पदभार संभाला है। जैसे ही इस संबंध में उनकी ओर से निर्देश जारी होंगे तो एेसे होटल संचालकों के खिलाफ जरूर सख्त कार्रवाई अमल में लाई
 जाएगी। उन्होंने पहले भी इन होटल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी
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