Home » , » राव कपड़ों की तरह बदलते हैं राजनैतिक दल

राव कपड़ों की तरह बदलते हैं राजनैतिक दल

Written By Shailendra on Thursday, August 22, 2013 | 11:09 PM

रेवाड़ी। राव नरबीर सिंह को रथ लेकर पूरे गुडग़ांव लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने क्या सोचकर इजाजत दी है यह तो ऊपरवाला ही जाने मगर क्षेत्र की जनता यह जरूर जानती है कि जो व्यक्तित्व किसी भी एक पार्टी का वफादार ना रहा हो वो भाजपा से क्या वफादारी निभाएगा। इतिहास गवाह है कि एक दिन में लोग जितने कपड़े नहीं बदलते राव नरबीर सिंह उससे अधिक तो पार्टियां बदल चुके हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी भी एक पार्टी रही है। उनका भारतीय जनता पार्टी में दोबारा आना अपने आप एक सवालिया निशान छोड़ रहा है कि उनकी स्वयं की तो मजबूरी हो सकती है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की उनको दोबारा पार्टी में शामिल करने के पीछे क्या मजबूरी हो सकती है, जबकि पार्टी द्वारा राव को लोकसभा का टिकट ना दिए जाने के कारण राव एक बार पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़ गए थे। इतिहासकार जानते हैं कि सन् 1982 में राव पहली बार ताऊ देवीलाल की पार्टी से जाटूसाना विधानसभा से टिकट लेकर चुनाव लड़े थे तथा विधायक बने थे। सन् 1991 के अगले ही चुनाव में इन्होंने पार्टी बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया तथा साल्हावास विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद पाॢटयां बदलने का सिलसिला जारी रखते हुए बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी से सन् 1996 में सोहना विधानसभा से चुनाव लडक़र जीत ही हासिल नहीं की बल्कि कैबिनेट में मंत्रीपद भी प्राप्त किया। मंत्रीपद पर रहते हुए राव नरबीर सिंह ने औमप्रकाश चौटाला के ईशारे पर एक अन्य मंत्री जसवंत सिंह बावल के साथ मिलकर बंसी लाल से धोखा करते हुए इस्तीफा दिया तथा बंसीलाल की सरकार गिरा दी। जब औमप्रकाश चौटाला ने राव नरबीर सिंह को घास नहीं डाली तथा उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे झट से बसपा के हाथी पर चढ़ गए तथा गुडग़ांव विधानसभा से चुनाव लड़ा जिसमें वे अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। राव नरबीर सिहं इससे पूर्व भी सन् 2005 में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं तथा जाटूसाना विधानसभा से चुनाव लडक़र हार का मुख देख चुके हैं। चुनाव हारते ही राव ने भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कहते हुए हरियाणा जनहित कांग्रेस के सुप्रिमों कुलदीप बिश्रोई से हाथ मिला लिया तथा गुडग़ांव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, यहां भी हार का मुंह देखना पड़ा और जमानत भी नहीं बची। वहीं पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कुलदीप बिश्रोइ ने राव को छ: साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। तभी से राव किसी अन्य पार्टी में जाने का जुगत में लग गए तथा गत् 6 सितम्बर 2011 को दोबारा भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश पाने में कामयाब हो गए। राजनैतिक गलियारों में सुगबुगाहट है कि अब उनकी निगाह भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले गुडग़ांव लोकसभा का चुनाव लडऩे की है जिसके मद्देनजर वे जनसंपर्क रथ यात्रा लेकर पूरे गुडग़ांव लोक सभा क्षेत्र में घूम र
हे हैं, जिसमें पार्टी के एक तिहाई पदाधिकारी व सदस्यगण उनके साथ बेशक घूम रहे हों मगर दो तिहाई पार्टी पदाधिकारी व सदस्यगण उनसे दूरी बनाए हुए हैं तथा उनके घमंडी स्वभाव के कारण उन्हें पार्टी की टिकट से रोके जाने की कूटनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं
Share this article :

Post a Comment

 
Support : CyberTec Solutions | Tally Tutorial | Mas Template
Copyright © 2011. Haryana Times - All Rights Reserved
Template Created by Creating Website Published by Mas Template
Proudly powered by Blogger