रेवाड़ी: धारूहेड़ा राजस्व देने में प्रदेश का अग्रणी क्षेत्र रहा है, धारूहेड़ा के उद्यौगों से सरकार राजस्व वसूलती है और धारूहेड़ा के निवासियों को बिजली-पानी, सडक़-सीवर आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बजाए धारूहेड़ा की जनता को उद्यौगों से निकलने वाला जहरीला धुआं और रसायन युक्त दूषित पानी लोगों को बिमारियां परोस रहा है। धारूहेड़ा के लोगों की बार-बार मांग करने , सडक़ों पर उतरकर आन्दोलन करने के बावजूद सरकार कुम्भकर्णी नींद सो रही है। जिसके लिए स्थानीय विधायक कैप्टन अजय सिंह यादव जिम्मेदार है जिन्हें क्षेत्र की जनता ने लगातार छह बार विधायक चुना। विधायक दो योजना से हरियाणा सरकार में पहले नम्बर के मंत्री है दो योजनाओं के कार्यकाल में बिजली मंत्री ने अपनी व अपने रिश्तेदारों की कायाकल्प कर ली। आज उनका गांव सहारनवास उनके परिवार और रिश्तेदारों के निजी शिक्षण संस्थानों का हब बन चुका है। परन्तु धारूहेड़ा के लोग नरकीय जीवन यापन कर रहे है। धारूहेड़ा क्षेत्र में जनसम्पर्क अभियान के दौरान स्थानीय विधायक पर जन समस्याओं के समाधान की बजाए निजी विकास करने का आरोप लगाते हुए इनेलो प्रदेश कार्यकारिणि केविशेष आमंत्रित सदस्य एवं पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव ने कहा कि धारूहेडा़ राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है। राजस्थान भिवाड़ी के उद्यौगों से रसायन युक्त दूषित जहरीला पानी बरसाती पानी के साथ धारूहेड़ा में आ रहा है। दूषित पानी से भूमिगत पानी भी पीने के लिए उपयुक्त नहीं रहा है और कैमीकल युक्त पानी से लोगों को चर्म रोग की बिमारियां हो रही है और यह पानी धारूहेड़ा के निवासियों के लिए अभिशाप बन चुका है। विधायक हजारों करोड़ के विकास का ढोल पीट रहे है परन्तु जनता को बताए कि आजतक भिवाड़ी की ओर से आने वाले दूषित पानी को रोकने के लिए कोई योजना बनाई या अन्य विकास कार्यों की तरह दूषित पानी को रोकने के लिए कागजों में राशि खर्च कर दी गई।
इनेलो नेता ने कहा कि दो योजनाओं में हजारों करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए खर्च करने के बावजूद धारूहेड़ा में भिवाड़ी से आने वाले कैमीकल युक्त पानी और रेवाड़ी शहर के सीवर के पानी का प्रबन्ध आजतक नहीं हो सका है। धारूहेड़ा में आने वाले दूषित पानी के लिए विधायक व प्रशासन राजस्थान को जिम्मेदार बता कर अपनी जिम्मेदारी से बचता आ रहा है लेकिन जनता को बताए कि रेवाड़ी शहर के सीवर के गन्दा पानी की निकासी का आजतक क्या प्रबन्ध किया। वर्षों से सीवर का पानी खुले में गांवों की ओर छोडक़र लोगों को परेशान किया जा रहा है। एक गांव के ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर दूसरे गांव की सीमा में छोड़ दिया जाता है ग्रामीणों द्वारा लगातार विरोध के चलते आजकल सीवर का पानी शहर के रिहायशी एवं उद्यौगिक क्षेत्र में छोड़ दिया है जहां चन्द दिन पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और बिजली मंत्री ने बस अड्डे का शिलांयास किया था। बस अड्डे का निर्माण आरम्भ करवाने की बजाए सीवर का पानी छोडऩा जनता के साथ धोखा है।
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